बिहार में जेपी आंदोलन की विरासत पर नई सियासी चाल, BDA ने पेश किया चुनावी रोडमैप

बिहार में जेपी आंदोलन की विरासत पर नई सियासी चाल, BDA ने पेश किया चुनावी रोडमैप

BDA ने 2025 चुनाव के लिए रणनीतिक रोडमैप पेश किया, बिहार में नई सियासी हलचल

नई दिल्ली: लोकनायक जयप्रकाश नारायण की पुण्यतिथि पर आयोजित इस सभा में ‘सम्पूर्ण क्रांति मंच’ ने जेपी आंदोलन की विरासत को याद किया और बिहार के विकास तथा सियासी सुधारों के लिए नया रोडमैप प्रस्तुत किया। BDA ने 2025 चुनाव की रणनीति भी सार्वजनिक की।

‘सम्पूर्ण क्रांति मंच’ के अध्यक्ष राम प्रवेश सिंह ने कहा कि गठबंधन NDA के साथ है, लेकिन जेपी आंदोलन से जुड़े नेताओं को विधानसभा चुनाव में उचित हिस्सेदारी मिलनी चाहिए। “हम हक मांग रहे हैं। अगर हमारी मांगें अनसुनी हुईं, तो हम स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने को तैयार हैं,” उन्होंने चेतावनी दी।

जेपी सेना के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद डॉ. सूरज मंडल ने जेपी आंदोलन के आदर्शों को फिर से जीवंत करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, “बिहार को वंशवादी और भ्रष्ट राजनीति से मुक्ति चाहिए। हमारा लक्ष्य है—न्याय, पारदर्शिता और जनता के हित में शासन।”


जनहित दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अंशुमन जोशी ने BDA की प्राथमिकताओं को रेखांकित करते हुए कहा, “हम रोजगार, औद्योगिक विकास, शिक्षा सुधार, महिलाओं की सुरक्षा और भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूत नीतियों पर काम करेंगे। जेपी के सिपाहियों को बिहार की सियासत में सम्मानजनक स्थान मिलना चाहिए।”

‘सम्पूर्ण क्रांति मंच’ के वरिष्ठ सलाहकार प्रो. देवेंद्र प्रसाद सिंह ने बिहार की संभावनाओं पर जोर देते हुए कहा, “हमारे युवाओं को रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना चाहिए। बिहार में विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज और उद्योग स्थापित कर प्रतिभा को यहीं रोका जा सकता है।”


BDA में वर्तमान में जनहित दल, जेपी सेना और सम्पूर्ण क्रांति मंच शामिल हैं। अन्य क्षेत्रीय दलों से बातचीत जारी है। गठबंधन ने जेपी के आदर्शों—विकास, पारदर्शिता और लोकतंत्र की रक्षा—के प्रति प्रतिबद्धता जताई। इस दौरान कुछ प्रमुख विधानसभा क्षेत्रों के लिए उम्मीदवारों की सूची भी जारी की गई।

यह आयोजन बिहार की सियासत में नई हलचल का संकेत देता है। अब देखना होगा कि BDA का यह रोडमैप बिहार के मतदाताओं को कितना प्रभावित करता है।

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