FICCI India R&D Summit 2025: उद्योग–अकादमी साझेदारी से गहन-तकनीक और नवाचार को नई गति देने का आह्वान

FICCI India R&D Summit 2025: उद्योग–अकादमी साझेदारी से गहन-तकनीक और नवाचार को नई गति देने का आह्वान

फिक्की के भारत R&D सम्मेलन 2025 में नीति-निर्माताओं, वैज्ञानिकों और उद्योग नेताओं ने नवाचार को गति देने हेतु उद्योग-अकादमी सहयोग और गहन-तकनीक निवेश पर जोर दिया।

फिक्की ने नई दिल्ली के फेडरेशन हाउस में भारत R&D सम्मेलन 2025 का उद्घाटन किया। इस दो दिवसीय सम्मेलन का विषय “साथ मिलकर नवाचार: उद्योग–अकादमी सहयोग” है। पहले दिन नीति निर्माता, वैज्ञानिक, शैक्षिक संस्थाओं एवं उद्योग के नेताओं ने भारत की अनुसंधान प्राथमिकताओं पर चर्चा की और उद्योग-अकादमी साझेदारी को मजबूत करने के उपाय सुझाए।

भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. अजय के. सूद ने कहा कि भारत का कुल R&D व्यय (GERD) जीडीपी का 0.7% है, जिसमें उद्योग का योगदान 40% से कम है। उन्होंने जोर दिया, “भारत के उद्योगों को आगे आकर सेमीकंडक्टर, स्वच्छ ऊर्जा, जैव प्रौद्योगिकी, और AI जैसे क्षेत्रों में गहन-तकनीक और उत्पाद आधारित अनुसंधान में निवेश करना चाहिए।” साथ ही उन्होंने नेशनल रिसर्च फाउंडेशन और ₹1 लाख करोड़ के गहन-तकनीक कोष को सहयोग के लिए महत्वपूर्ण बताया।

FICCI India R&D Summit 2025: उद्योग–अकादमी साझेदारी से गहन-तकनीक और नवाचार को नई गति देने का आह्वान

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन ने अकादमी, उद्योग, और सरकार के बीच समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, “भारत के महासागरों में सतत मत्स्य पालन, गहरे समुद्री संसाधन, और अक्षय ऊर्जा की अपार संभावनाएँ हैं। उद्योग को डीप ओशन मिशन जैसी पहलों के साथ जुड़कर इनका लाभ उठाना चाहिए”।

HCL के सह-संस्थापक और नेशनल क्वांटम मिशन के गवर्निंग बॉडी के अध्यक्ष डॉ. अजय चौधरी ने कहा, “सेवाओं पर आधारित अर्थव्यवस्था से उत्पाद-प्रधान राष्ट्र की ओर बढ़ना जरूरी है। गहन-तकनीक और उत्पाद विकास में निवेश वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए आवश्यक है।” उन्होंने नेशनल क्वांटम मिशन के तहत 104 क्वांटम स्टार्टअप्स और सेमीकंडक्टर प्रोत्साहन योजनाओं का उल्लेख किया।

फिक्की इनोवेशन कमेटी की सह-अध्यक्ष और Fraunhofer India Office की निदेशक श्रीमती आनंदी अय्यर ने त्रि हेलिक्स मॉडल (उद्योग, अकादमी, और सरकार का सहयोग) पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “भारत की अकादमी मौलिक अनुसंधान में उत्कृष्ट है, लेकिन R&D व्यय जीडीपी का केवल 0.7% है। इसे अगले दशक में 2% तक ले जाने के लिए उद्योग को आगे आना होगा।”

FICCI India R&D Summit 2025: उद्योग–अकादमी साझेदारी से गहन-तकनीक और नवाचार को नई गति देने का आह्वान

फिक्की इनोवेशन कमेटी के सह-अध्यक्ष और BITS पिलानी के निदेशक प्रो. सुदीर कुमार बड़ाई ने कहा, “प्रभावशाली अनुसंधान के लिए उद्योग की भागीदारी जरूरी है। स्टार्टअप्स और इनोवेशन प्रदर्शनी के माध्यम से हम अकादमिक नवाचार को राष्ट्रीय चुनौतियों के समाधान में बदल सकते हैं।”

सम्मेलन में “Addressing India’s Challenge of Low Private Sector R&D Expenditure” नामक एक रिपोर्ट भी जारी की गई, जिसमें उद्योग की अनुसंधान में कम भागीदारी के कारणों और समाधानों का विश्लेषण किया गया है। साथ ही, स्वच्छ ऊर्जा, स्वास्थ्य, कृषि, रक्षा, उन्नत रोबोटिक्स, और जल प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में 60 से अधिक अनुसंधान परियोजनाओं की प्रदर्शनी का भी उद्घाटन हुआ।

सम्मेलन का दूसरा दिन कल जारी रहेगा। फिक्की भारत के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए सभी हितधारकों से सक्रिय सहयोग की अपील करता है।

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