लंदन के नेहरू सेंटर में श्री कृष्ण लीला कलेक्शन का भव्य अंतरराष्ट्रीय समर्पण समारोह आयोजित

लंदन के नेहरू सेंटर में श्री कृष्ण लीला कलेक्शन का भव्य अंतरराष्ट्रीय समर्पण समारोह आयोजित

कथक, सुगंध और भक्ति के संगम ने रचा भारत की सांस्कृतिक विरासत का उत्सव

लंदन के नेहरू सेंटर में 8 अक्टूबर को श्री कृष्ण लीला कलेक्शन का भव्य अंतरराष्ट्रीय समर्पण समारोह आयोजित किया गया। यह आयोजन कला, सुगंध और भक्ति का अनोखा संगम रहा, जिसने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं को एक नए, जीवंत और भावपूर्ण रूप में प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में नेहरू सेंटर के उपनिदेशक श्री राकेश कुमार और प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना ऋचा श्रीवास्तव की उपस्थिति ने शाम को और भी यादगार बना दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत “ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने” के मंत्रोच्चार से हुई, जिसने पूरे वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया। इसके बाद श्री कृष्ण लीला कलेक्शन पर आधारित एक लघु फिल्म प्रदर्शित की गई, जिसमें इस कलेक्शन की प्रेरणा, शिल्पकला और इसकी आध्यात्मिक गहराई को दर्शाया गया। फिल्म ने यह संदेश दिया कि सुगंध केवल इंद्रियों का अनुभव नहीं, बल्कि संस्कृति और भक्ति का जीवंत माध्यम भी हो सकती है।

रामालया और JPSR प्रभु श्रीराम के संस्थापक श्री प्रशांत कुमार ने कहा —

“यह कलेक्शन केवल सुगंधों का समूह नहीं, बल्कि भक्ति और भावनाओं की कहानी है। भारत अपनी प्राचीन संस्कृति और अध्यात्म के माध्यम से विश्व को शांति और सौहार्द का संदेश देता है।”

नेहरू सेंटर के उपनिदेशक श्री राकेश कुमार ने इस आयोजन को भारत की सांस्कृतिक कूटनीति का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा —

“सुगंध, कला और नृत्य का यह संगम भगवान श्रीकृष्ण के प्रेम, करुणा और एकता के संदेश को वैश्विक मंच पर पहुँचाने वाला अद्भुत प्रयास है।”

कथक प्रस्तुति ने मोहा मन

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रही ऋचा श्रीवास्तव की मंत्रमुग्ध कर देने वाली कथक प्रस्तुति “कृष्ण इन कथक”। उन्होंने अपनी लय, भाव और नृत्याभिनय से श्रीकृष्ण की तीन प्रमुख लीलाओं को जीवंत किया —

  • कालिया मर्दन – बुराई पर सत्य और प्रकृति की विजय।
  • वस्त्र हरण – करुणा, रक्षण और मर्यादा का संदेश।
  • राधा-कृष्ण ठुमरी – प्रेम और आध्यात्मिक मिलन का प्रतीक चित्रण।

ऋचा के नृत्य ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया और कृष्ण की लीलाओं की आत्मा को मंच पर साकार किया।

श्री कृष्ण लीला कलेक्शन की विशिष्टता

रामालया पहल के तहत JPSR प्रभु श्रीराम द्वारा निर्मित यह कलेक्शन भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं को सुगंधों के माध्यम से अभिव्यक्त करता है। इसमें माखनचोर की मासूमियत, गोवर्धन की कृतज्ञता, सुदामा की विनम्रता और रास लीला के दिव्य प्रेम को दर्शाने वाली अनूठी सुगंधें शामिल हैं। यह कलेक्शन भारतीय भक्ति, शिल्पकला और कहानी कहने की शाश्वत परंपरा का प्रतीक है।

समारोह का समापन कलेक्शन को नेहरू सेंटर के प्रतिनिधियों को भेंट करने के साथ हुआ, जो भारत की ओर से विश्व के लिए प्रेम, शांति और एकता का संदेश है।

यह आयोजन भारत की बढ़ती सांस्कृतिक नेतृत्व क्षमता और सॉफ्ट पावर का उत्कृष्ट उदाहरण रहा, जहाँ सुगंध, कला और प्रदर्शन ने मिलकर भक्ति, चेतना और शांति का वैश्विक संवाद रचा।


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