FICCI भारत R&D समिट 2025 में डॉ. सिंह ने राज्यों में विज्ञान और प्रौद्योगिकी को सशक्त बनाने और स्थानीय नवाचार को बढ़ावा देने पर जोर दिया। अमिटी विश्वविद्यालय के प्रो. अमित खर्कवाल को कृषि नवाचार में शीर्ष सम्मान।
FICCI द्वारा आयोजित भारत R&D समिट 2025 का दो दिवसीय सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में पंजाब, आंध्र प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों के उद्योग, सरकार और शैक्षणिक विशेषज्ञों ने भाग लिया। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य स्थानीय और राष्ट्रीय विकास चुनौतियों के समाधान में नवाचार और साझेदारी को बढ़ावा देना था, ताकि 2047 तक ‘विकसित भारत’ का विज़न साकार किया जा सके।
सम्मेलन में विभिन्न सत्रों में वक्ताओं ने स्थानीय अनुसंधान और विकास (R&D), सार्वजनिक-निजी साझेदारी (PPP), और रणनीतिक सुधारों के महत्व पर प्रकाश डाला।
डॉ. विवेक कुमार सिंह, वरिष्ठ सलाहकार S&T, NITI आयोग ने राज्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषदों की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत की 67% अनुसंधान उत्पादकता केवल 450 केंद्रीय संस्थानों से आती है, जबकि राज्य स्तर की संस्थाएँ पीछे हैं। उन्होंने 0.5% GSDP निवेश और उद्योग के साथ सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। डॉ. सिंह ने यह भी बताया कि भारत पेटेंट फाइलिंग में 56% निवासियों के साथ आगे बढ़ रहा है और ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में 38वें स्थान पर है, जिससे R&D निवेश बढ़ाने की आवश्यकता और स्पष्ट होती है।
डॉ. शिवकुमार कल्याणराम, सीईओ, अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (ANRF) ने ANRF के महत्व और इसकी योजनाओं पर चर्चा की। उन्होंने PAIR और Saral प्लेटफॉर्म जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से संस्थाओं के बीच सहयोग और AI आधारित अनुसंधान की democratization को बढ़ावा देने का उल्लेख किया।
डॉ. निशा मेंडिरट्टा, वैज्ञानिक ‘G’ एवं सलाहकार, राज्य S&T कार्यक्रम, DST ने स्थानीय स्तर पर अनुसंधान की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने राज्य परिषदों की भूमिका बताते हुए कहा कि स्थानीय जरूरतों के अनुरूप नवाचार, स्टार्टअप और उद्यमिता को बढ़ावा देने से ठोस परिणाम मिलेंगे।
अरुणाचल प्रदेश राज्य परिषद के निदेशक, श्री चाउ ध्यानामुंग्याक ने उद्योग, सरकार और अकादमी के सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने APSCT की पहल, जैसे कि Science Technology and Innovation Resource Center और Centre of Excellence for Biomedical Resources, का विवरण दिया।

प्रो. अरुण कुमार त्यागी, UCOST ने हिमालयी क्षेत्रों में चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए अनुकूलित नवाचारों की आवश्यकता बताई। UCOST 10,000 S&T चैंपियनों का समर्थन कर रहा है ताकि ग्राम स्तर पर सेवा और आपदा प्रबंधन को बढ़ाया जा सके।
श्री अनुभव सक्सेना, C R&D ऑफिसर, Pidilite Industries Limited ने रासायनिक उद्योग में R&D निवेश के अंतर को उजागर किया। उन्होंने कहा कि शीर्ष 50 संस्थाओं के अलावा अन्य 1,300 संस्थाओं को भी अधिक सक्रिय होना चाहिए और उद्योग-अकादमी सहयोग बढ़ाना चाहिए।
सम्मेलन में राज्य S&T परिषदों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया, जो राष्ट्रीय नवाचार नीतियों को स्थानीय समाधान में बदलने, उद्यमिता बढ़ाने और I-STEM जैसे प्लेटफॉर्म के माध्यम से रिसर्च की पहुंच को लोकतांत्रिक बनाने में मदद कर सकती हैं।

सम्मेलन में प्रदर्शित उत्कृष्ट तकनीकों में 10 को शॉर्टलिस्ट किया गया, और शीर्ष तीन नवाचारों को सम्मानित किया गया:
- विजेता: प्रो. अमित खर्कवाल, अमिटी विश्वविद्यालय, उत्तर प्रदेश – “HNB9- Talaromyces albobiverticillius HNB9: जड़ कॉलोनाइजिंग और फ़ॉस्फ़ेट-घुलनशील कवक, पौधों की वृद्धि और उत्पादन बढ़ाने में सहायक।”
- 1st रनर-अप: डॉ. श्रीप्रिया वेदांतम, CSIR-आईआईसीटी – “हाइड्राज़िन हाइड्रेट का स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकास।”
- 2nd रनर-अप: डॉ. अनिर्बिद सिर्कर, पंडित दीनदयाल ऊर्जा विश्वविद्यालय – “हाइड्रोजन का प्राकृतिक गैस पाइपलाइन में मिश्रण।”
FICCI भारत R&D समिट 2025 ने नवाचार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से सतत विकास और क्षेत्रीय प्रगति के लिए एकजुट दृष्टिकोण की प्रतिबद्धता को दोहराया।