अयोध्या: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित का 86 साल की उम्र में देहांत

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित का निधन हो गया। 86 वर्षीय लक्ष्मीकांत दीक्षित लंबे समय से गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। वह वाराणसी...

JP Bureau | Published: June 22, 2024 15:27 IST, Updated: June 22, 2024 15:27 IST
लक्ष्मीकांत दीक्षित अयोध्या रामलला

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कराने वाले पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित का निधन हो गया। 86 वर्षीय लक्ष्मीकांत दीक्षित लंबे समय से गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। वह वाराणसी के मीरघाट स्थित सांगवेद महाविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य थे, जिसकी स्थापना काशी नरेश के सहयोग से की गई थी। आचार्य लक्ष्मीकांत काशी में यजुर्वेद के बड़े विद्वानों में गिने जाते थे।

22 जून 2024, अयोध्या

अयोध्या में रामलला (Ram Mandir Ayodhya) की प्राण प्रतिष्ठा करवाने वाले पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित (Pandit Laxmikant Dixit) का निधन हो गया है। लक्ष्मीकांत दीक्षित लंबे समय से गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। उन्होंने 86 साल की उम्र में वाराणसी में अंतिम सांस ली। उनकी मौत से हर जगह शोक की लहर है। पुजारी लक्ष्मीकांत दीक्षित की अंतिम यात्रा उनके निवास स्थान मंगलागौरी से निकलेगी।

यह भी पढ़े: https://www.jabalpurpatrika.com/%e0%a4%b6%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%9c%e0%a4%be-%e0%a4%b2%e0%a5%8b%e0%a4%95%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a4%bf%e0%a4%af-%e0%a4%ae%e0%a5%8b%e0%a4%ae%e0%a5%8b%e0%a4%9c/%e0%a4%b6%e0%a4%b9%e0%a4%b0/

लक्ष्मीकांत दीक्षित वाराणसी के मीरघाट स्थित सांगवेद महाविद्यालय के वरिष्ठ आचार्य थे। इस विश्वविद्यालय की स्थापना काशी नरेश के सहयोग से की गई थी। आचार्य लक्ष्मीकांत की गिनती काशी में यजुर्वेद के बड़े विद्वानों में होती थी। वह पूजा पद्धति में भी सिद्धहस्त माने जाते थे। लक्ष्मीकांत दीक्षित ने वेद और अनुष्ठानों की दीक्षा अपने चाचा गणेश दीक्षित भट्ट से ली थी। मूल रूप से महाराष्ट्र के शोलापुर जिले के जेऊर के रहने वाले लक्ष्मीकांत दीक्षित का परिवार कई पीढ़ियों पहले काशी में आकर बस गया था। उनके पूर्वजों ने नागपुर और नासिक रियासतों में भी धार्मिक अनुष्ठान कराए हैं। लक्ष्मीकांत के बेटे सुनील दीक्षित ने पहले बताया था कि उनके पूर्वज पंडित गागा भट्ट ने ही 17वीं शताब्दी में छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक भी करवाया था।

22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई थी। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान 121 पुजारियों की टीम ने किया था। काशी के विद्वान लक्ष्मीकांत दीक्षित इसके मुख्य पुजारी थे। वैसे तो 16 जनवरी से ही प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान आरंभ हो गए थे, लेकिन 22 जनवरी को मंगल अनुष्ठान संपन्न किए गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) अयोध्या में मुख्य यजमान के रूप में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुए थे। तब पीएम मोदी ने पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित से मुलाकात की थी।

यह भी पढ़े: https://jabalpurkiawaaz.com/%e0%a4%9a%e0%a5%8c%e0%a4%a5%e0%a4%be-%e0%a4%b0%e0%a4%be%e0%a4%b7%e0%a5%8d%e0%a4%9f%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%80%e0%a4%af-%e0%a4%85%e0%a4%9f%e0%a4%b2-%e0%a4%85%e0%a4%b5%e0%a4%be%e0%a4%b0%e0%a5%8d/

0 Comments

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *