“इन 4 राशियों को होगा शनि देव के मार्गी होने से नुकसान, दुष्प्रभावों से बचने के लिए करें ये काम”

“शनि का वक्री गति में राशि परिवर्तन: दुष्प्रभावों से बचने के लिए ये काम करें” 27 सितंबर 2023 शनि देव को ज्योतिष शास्त्र में न्याय का देवता माना जाता है,...

| Published: September 27, 2023 19:21 IST, Updated: September 27, 2023 19:21 IST

“शनि का वक्री गति में राशि परिवर्तन: दुष्प्रभावों से बचने के लिए ये काम करें”

27 सितंबर 2023

शनि देव को ज्योतिष शास्त्र में न्याय का देवता माना जाता है, जो कि व्यक्ति के जीवन पर कई महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं। उन्हें व्यक्ति के कर्मों के आधार पर फल देते हैं, इसलिए लोग उन्हें न्याय के प्रतीक के रूप में पूजते हैं और उनके प्रभावों से बचने के लिए कई उपाय करते हैं। शनि को गुस्से वाला देवता भी माना जाता है, और लोग उनके प्रभाव से डरते हैं। वर्तमान में, शनि अभी वक्री होकर उलटी चाल रहे हैं, जिसका परिणाम 4 नवंबर को राशि परिवर्तन होगा, जिससे मेष, वृषभ, सिंह, और मीन राशि के लोगों को नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इससे बचने के लिए निम्नलिखित काम किए जा सकते हैं:

मंत्र जप: शनि के मंत्रों का नियमित जप करना उपयोगी हो सकता है। शनि की पूजा के दौरान, “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप कर सकते हैं.

नीलम रत्न: नीलम रत्न को धारण करने से शनि के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है, और यह आपके जीवन में स्थिरता और संतुलन लाता है.

दान और सेवा: गरीबों को खाना खिलाना और चारित्रिक दान करना शनि के दुष्प्रभाव को कम कर सकता है और आत्मा को शुद्धि देता है.

पीपल वृक्ष पूजा: पीपल वृक्ष को हिन्दू धर्म में पवित्र माना जाता है। इसके नीचे दान करना और अगरबत्ती जलाना आत्मा को शुद्धि और शांति का अहसास कराता है, साथ ही शनि के दुष्प्रभाव को कम करता है.

आहार और व्रत: शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए मांस और मदिरा का सेवन न करें। यह आत्मिक और मानसिक शुद्धि में अड़चन हो सकती है, जो कि शनि के प्रभाव को बढ़ा सकता है.

मंगलवार की पूजा: शनि के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करें और शिवलिंग का जलाभिषेक कर शिव पूजा करें।

गायत्री शनि मंत्र: ‘ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्’ शनि मंत्र का नियमित जप करने से दुष्प्रभाव को कम किया जा सकता है, और यह मंत्र विशेष रूप से शनिवार को किया जाता है।