“जंगली जानवरों को पालतू बनाने की कोशिश हमेशा खतरनाक”

बाघों से दोस्ती का खौफनाक अंत ओकाहोमा में ट्रैनर की दर्दनाक मौत | जंगली जानवरों और इंसानों के बीच का रिश्ता हमेशा रहस्यमयी और खतरनाक रहा है। कई लोग यह मान लेते हैं कि वे जंगली जानवरों को पालतू बना सकते हैं, उन्हें प्यार और दुलार से अपनी जिंदगी का हिस्सा बना सकते हैं। परंतु कुदरत के अपने नियम होते हैं, जिन्हें तोड़ा नहीं जा सकता। अमेरिका के ओकाहोमा में घटित एक घटना ने इस सच्चाई को फिर से उजागर कर दिया है।
रेयान इज्ली नामक शख्स का बाघों के साथ एक अनोखा रिश्ता था। वह उन्हें ऐसे प्यार करता, मानो वे कुत्ते या बिल्ली जैसे पालतू जानवर हों। रेयान बाघों के साथ खेलता, उन्हें खाना खिलाता और उनके साथ घंटों बिताता। अक्सर पर्यटक जब ग्रोवलर पाइन्स टाइगर प्रिजर्व में आते, तो देखते कि बाघ उसके गले लगकर खेल रहे हैं। यह नजारा देखने वालों के लिए किसी फिल्मी दृश्य से कम नहीं होता। रेयान का मानना था कि धैर्य और लगाव से जंगली जानवरों को भी समझा और ट्रेंड किया जा सकता है।
लेकिन यह मोहब्बत आखिरकार एक त्रासदी में बदल गई। बीते शनिवार को उन्हीं बाघों में से एक ने अचानक रेयान पर हमला कर दिया। प्रिजर्व के स्टाफ ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। जिस शख्स ने अपनी पूरी जिंदगी इन जानवरों की देखभाल में लगा दी, उसी की जान उसके प्रिय बाघ ने ले ली।
टाइगर किंग से जुड़ा रिश्ता
रेयान का नाम पहले से ही चर्चाओं में रहा है। वह कुख्यात “टाइगर किंग” जो एक्सॉटिक के साथ भी काम कर चुका था। लंबे समय तक उसने जो एक्सॉटिक के बाघों की देखभाल की और उन्हें ट्रेन किया। यही वजह थी कि रेयान को जंगली जानवरों का विशेषज्ञ माना जाता था। लेकिन उसकी जिंदगी हमेशा खतरे से घिरी रहती थी।
प्रिजर्व का बयान और श्रद्धांजलि
इस घटना के बाद प्रिजर्व की ओर से एक आधिकारिक बयान जारी किया गया। इसमें कहा गया कि रेयान की मौत एक दर्दनाक त्रासदी है, जो हमें प्रकृति की खूबसूरती और उसकी अप्रत्याशित शक्ति दोनों की याद दिलाती है। उनका मानना था कि रेयान को अपने काम से जुड़े खतरों का एहसास था, लेकिन उसने कभी डर को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। उनका निधन लापरवाही से नहीं, बल्कि अपने काम और जानवरों के प्रति गहरे लगाव के चलते हुआ। फिलहाल इस सेंटर को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया है।
क्या बाघों ने लिया बदला?
हालांकि इस कहानी का एक दूसरा पहलू भी सामने आया है। पशु अधिकार संगठन पेटा ने रेयान पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके अनुसार रेयान बाघों को ट्रेनिंग देने के लिए उन पर अत्याचार करता था। पेटा का दावा है कि वह अक्सर बाघों को जगह-जगह ले जाकर सर्कस में प्रदर्शन कराता और कई बार उन्हें पिंजरों में घंटों तक बंद रखता था।
पेटा ने यह भी कहा कि वर्ष 2017 में रेयान पर एक बाघ को 31 बार मारने का आरोप लगा था। संगठन का तर्क है कि जंगली जानवरों को मनोरंजन के साधन के रूप में इस्तेमाल करना पूरी तरह गलत है। उनका मानना है कि चाहे कितना भी प्रशिक्षित क्यों न हो, जंगली जानवर के पास जाना इंसानों के लिए कभी सुरक्षित नहीं हो सकता।
रहस्य अब भी बरकरार
टाइगर प्रिजर्व की रिपोर्ट में यह साफ नहीं हो पाया कि आखिर किस वजह से बाघ ने रेयान पर हमला किया। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि संभवतः बाघ उस समय तनाव में था, जिसके चलते उसने अचानक आक्रामक रूप धारण कर लिया। चूंकि बाघ का स्वभाव ही शिकारी का होता है, इसलिए किसी भी परिस्थिति में वह अपनी जंगली प्रवृत्ति को दबाकर नहीं रख सकता।
सबक जो रह गया पीछे
रेयान इज्ली का जीवन और मौत दोनों हमें एक गहरा संदेश देते हैं। प्यार और समर्पण से वह जंगली जानवरों को भी अपने करीब लाने में सफल रहा, लेकिन प्रकृति के असली स्वरूप को पूरी तरह से बदलना असंभव है। जंगली जानवर कभी पालतू नहीं बन सकते; वे अपनी असली पहचान को अंततः सामने लाते ही हैं। यह घटना दुनिया को याद दिलाती है कि इंसानों और जंगली जानवरों के बीच दूरी ही सुरक्षा है। जितना हम प्रकृति की सीमाओं का सम्मान करेंगे, उतना ही सुरक्षित रह पाएंगे। रेयान का किस्सा इस बात का जीवंत उदाहरण है कि मोहब्बत और जुनून भी कभी-कभी जानलेवा साबित हो सकते हैं।
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