शुभांशु शुक्ला बन सकते हैं अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पहुंचने वाले पहले भारतीय, प्रधानमंत्री मोदी ने दी शुभकामनाएं

भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का Ax-04 मिशन में चयन, गगनयान मिशन के अनुभव का मिला लाभ; 1984 के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय बनने की उम्मीद
25 जून 2025, नई दिल्ली
भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन और प्रशिक्षित अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला एक ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन की ओर अग्रसर हैं। वह Ax-04 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर भेजे जाने वाले दल का हिस्सा हैं। अगर मिशन योजना के अनुसार पूरा होता है, तो शुभांशु शुक्ला राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय और ISS पर कदम रखने वाले पहले भारतीय बन जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि पर शुभांशु और उनके साथियों को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “भारत, हंगरी, पोलैंड और अमेरिका के अंतरिक्ष यात्रियों के सफल प्रक्षेपण का हम स्वागत करते हैं। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की ओर अग्रसर हैं। वे 140 करोड़ भारतीयों की उम्मीदें और सपने अपने साथ ले जा रहे हैं। उन्हें और उनके साथियों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।”
गगनयान से अंतरराष्ट्रीय मिशन तक की यात्रा
शुभांशु शुक्ला भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के गगनयान मिशन से जुड़े रहे हैं। उन्हें फरवरी 2024 में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा गगनयान के लिए नामित चार अंतरिक्ष यात्रियों में शामिल किया गया था। गगनयान के तहत मिले प्रशिक्षण और अनुभव के चलते अब उन्हें अमेरिकी निजी मिशन Ax-04 के लिए भी चुना गया है।
इस अंतरराष्ट्रीय मिशन में भारत के साथ अमेरिका, हंगरी और पोलैंड के अंतरिक्ष यात्री भी हिस्सा ले रहे हैं। यह मिशन वैश्विक सहयोग और निजी अंतरिक्ष यात्राओं की नई दिशा को दर्शाता है।
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1984 के बाद भारत की अंतरिक्ष में वापसी
भारत की अंतरिक्ष यात्रा में राकेश शर्मा का नाम इतिहास में दर्ज है, जिन्होंने 1984 में सोवियत मिशन के तहत अंतरिक्ष की यात्रा की थी। अब चार दशक बाद शुभांशु शुक्ला भारत की ओर से अंतरिक्ष में जाने वाले अगले यात्री बनने की ओर हैं।
उन्होंने 2019 में रूस के यूरी गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर से अंतरिक्ष उड़ान का गहन प्रशिक्षण लिया था, जो उनकी इस उपलब्धि की नींव बना।
भारत की वैज्ञानिक प्रगति का प्रतीक
शुभांशु शुक्ला का यह मिशन केवल एक व्यक्ति की उपलब्धि नहीं, बल्कि यह भारत की बढ़ती अंतरिक्ष क्षमता और वैज्ञानिक आत्मविश्वास का प्रतीक है। यह मिशन देश के युवाओं को विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान की ओर आकर्षित करेगा और भारत की वैश्विक अंतरिक्ष महाशक्ति बनने की दिशा में एक और बड़ा कदम साबित होगा।
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