जी7 समिट में पीएम मोदी का प्रहार: आतंकवाद, ऊर्जा सुरक्षा और ग्लोबल साउथ की चिंताओं पर रखी मजबूत बात

आउटरीच सत्र में बोले पीएम मोदी – “आतंकवाद मानवता पर हमला”, ग्लोबल साउथ की आवाज़ उठाई, ऊर्जा व पर्यावरण के मुद्दों पर भारत की भूमिका को रेखांकित किया
18 जून 2025, नई दिल्ली
कनाडा के कनानास्किस में आयोजित जी7 शिखर सम्मेलन के ‘आउटरीच सत्र’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैश्विक मंच से आतंकवाद, ऊर्जा सुरक्षा, ग्लोबल साउथ और टिकाऊ विकास जैसे अहम मुद्दों पर भारत की स्पष्ट और दृढ़ सोच को दुनिया के सामने रखा।
आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई की मांग
पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत आतंकवाद पर कड़ा रुख अपनाते हुए की। उन्होंने हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का ज़िक्र करते हुए कहा, “आतंकवाद केवल एक देश की समस्या नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर हमला है।” उन्होंने वैश्विक समुदाय से ऐसे राष्ट्रों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की अपील की जो आतंकवाद को समर्थन देते हैं। भारत को मिल रहे अंतरराष्ट्रीय समर्थन के लिए उन्होंने आभार भी जताया।
ग्लोबल साउथ की आवाज़ दुनिया तक
ईरान-इज़राइल संघर्ष जैसे मौजूदा वैश्विक संकटों के बीच पीएम मोदी ने विकासशील देशों (ग्लोबल साउथ) की चिंताओं को भी प्रभावशाली ढंग से सामने रखा। उन्होंने कहा, “वैश्विक अस्थिरता का सबसे अधिक असर विकासशील देशों पर पड़ता है। भारत ने इन देशों की आवाज़ को वैश्विक मंचों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी ली है।”
ऊर्जा सुरक्षा: आज नहीं, भविष्य की चुनौती
‘ऊर्जा सुरक्षा’ पर एक विशेष सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह विषय आज की नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक गंभीर चुनौती है। उन्होंने भारत की ऊर्जा नीति के चार स्तंभ – उपलब्धता, पहुंच, सामर्थ्य और स्वीकार्यता – को रेखांकित किया और समावेशी विकास के प्रति भारत की प्रतिबद्धता जताई।
पर्यावरण और सतत विकास में भारत की अग्रणी भूमिका
पीएम मोदी ने कहा कि भारत न सिर्फ तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है, बल्कि उसने पेरिस जलवायु समझौते के लक्ष्यों को समय से पहले पूरा कर दिखाया है। उन्होंने भारत की वैश्विक पहलों जैसे –
- इंटरनेशनल सोलर एलायंस
- ग्लोबल बायोफ्यूल एलायंस
- वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड
- आपदा रोधी बुनियादी ढांचा गठबंधन का उल्लेख करते हुए जलवायु संकट से निपटने में भारत के नेतृत्व को उजागर किया।
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टेक्नोलॉजी और एआई पर मानव-केंद्रित सोच
पीएम मोदी ने तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को मानव-हित में प्रयोग करने की बात दोहराई। उन्होंने कहा, “टेक्नोलॉजी का उद्देश्य केवल विकास नहीं, बल्कि लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना होना चाहिए।” उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि टेक्नोलॉजी और ऊर्जा के संतुलन से ही हरित और टिकाऊ भविष्य सुनिश्चित हो सकता है।
जी7 समिट में पीएम मोदी का यह बहुआयामी संबोधन न केवल भारत की वैश्विक प्रतिबद्धताओं को दर्शाता है, बल्कि भारत को विकासशील राष्ट्रों की आवाज़ और सतत विकास के मार्गदर्शक के रूप में भी प्रस्तुत करता है
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