ब्रिटिश संसद में भारत के तकनीकी प्रतिभाशाली मीधान्श को किया गया सम्मानित

तकनीकी प्रतिभाशाली मीधान्श को ब्रिटेन में मिला वैश्विक सम्मान; शिक्षा और नवाचार में अद्भुत योगदान के लिए मिला GCPA अवार्ड
27 जून 2025, नई दिल्ली
भारत के जालंधर, पंजाब के युवा तकनीकी प्रतिभा मीधान्श कुमार गुप्ता ने एक बार फिर देश का नाम रोशन किया है। उन्हें ग्लोबल चाइल्ड प्रोडिजी अवार्ड्स (GCPA) 2025 के तहत यूनाइटेड किंगडम की ब्रिटिश संसद (हाउस ऑफ कॉमन्स) में सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार 15 वर्ष से कम आयु के विश्वभर के असाधारण बच्चों को उनके क्षेत्र में असाधारण योगदान के लिए प्रदान किया जाता है।
इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम में ओर्पिंगटन निर्वाचन क्षेत्र के सांसद श्री गैरेथ बेकन ने “टॉप 100 चाइल्ड प्रोडिजीज़ 2025” पुस्तक का लोकार्पण किया और दुनिया भर से आए 100 बाल प्रतिभाओं को सम्मानित किया।
मीधान्श को शिक्षा और प्रौद्योगिकी में उनके अभूतपूर्व योगदान के लिए चुना गया। वे पंजाब राज्य से चयनित एकमात्र बाल प्रतिभा हैं, जिन्हें इस वैश्विक मंच पर सम्मानित किया गया है।
उनकी प्रेरणादायक यात्रा कोविड-19 महामारी के दौरान केवल नौ वर्ष की उम्र में शुरू हुई थी। उन्होंने 2020 में सबसे कम उम्र के वेबसाइट डेवलपर के रूप में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान प्राप्त की। तब से वे एक बहु-पुरस्कार विजेता नवप्रवर्तक बन चुके हैं, जो तकनीक के ज़रिए सामाजिक कल्याण के कार्य कर रहे हैं।
मीधान्श ने NGO मिशन आत्मनिर्भर के अंतर्गत हज़ारों छात्रों को प्रशिक्षित किया है और केवल एक सप्ताह में LinkedIn Learning के माध्यम से 50 उन्नत तकनीकी कोर्स पूरे कर विश्व रिकॉर्ड बनाया।
उनके प्रमुख नवाचारों में शामिल है –
- COVID-19 टेलीमेडिसिन पोर्टल
- IIT मद्रास से ब्लॉकचेन कोर्स के बाद विकसित की गई विश्व की पहली ब्लॉकचेन-आधारित इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM)
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वर्ष 2022 में उन्हें प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से भी नवाज़ा गया, जिसे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं प्रदान किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा था, “मीधान्श जैसे युवा दिमागों के माध्यम से एक आत्मनिर्भर भारत का सपना साकार हो रहा है।”
ग्लोबल चाइल्ड प्रोडिजी अवार्ड्स युवा प्रतिभाओं को न केवल पहचान दिलाता है, बल्कि उन्हें विश्व स्तर पर ग्लोबल लीडर्स, मेंटर्स और संस्थानों से जोड़ने का कार्य भी करता है।
GCPA 2025 में मीधान्श की उपलब्धि भारत को विश्व पटल पर युवा नवाचार और प्रतिभा के केंद्र के रूप में उभरते चेहरे के तौर पर प्रस्तुत करती है।
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