दिल्ली 2025 वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स के लिए भारत ने पेश किया ‘वीराज’, लोगो और मास्कॉट के ज़रिए पेश की संस्कृति और साहस की तस्वीर

By JP Bureau | 01/07/2025 | Categories: खेल
दिल्ली 2025 वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स के लिए भारत ने पेश किया 'वीराज', लोगो और मास्कॉट के ज़रिए पेश की संस्कृति और साहस की तस्वीर

26 सितंबर से जेएलएन स्टेडियम, दिल्ली में होगा दुनिया का सबसे बड़ा पैरा एथलेटिक्स टूर्नामेंट

नई दिल्ली, 1 जुलाई 2025

भारत पहली बार वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप की मेजबानी करने जा रहा है। इसकी तैयारियों के तहत अब आधिकारिक लोगो और मास्कॉट ‘वीराज’ को पेश किया गया है, जो देश की सांस्कृतिक पहचान और पैरा खिलाड़ियों की जुझारू भावना को खूबसूरती से दर्शाते हैं।

27 सितंबर से 5 अक्टूबर 2025 तक चलने वाली इस चैंपियनशिप में 100 से ज्यादा देशों के 1700 से अधिक खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। यह भारत के लिए सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि दुनिया को यह दिखाने का मौका है कि हम सामर्थ्य, विविधता और एकजुटता को किस तरह अपनाते हैं।

लोगो में समेटी भारतीयता और आत्मबल की झलक


गोल आकार में बना यह लोगो गति और समावेशिता का प्रतीक है। बीच में रेसिंग व्हीलचेयर में एक पैरा एथलीट को दर्शाया गया है, जो हिम्मत, फुर्ती और एकाग्रता का प्रतीक है। इसके चारों ओर भारत की सांस्कृतिक पहचान को दिखाते प्रतीक मौजूद हैं — जैसे मोर, हाथी, सितार और चरखा। लोगो के केंद्र में बना लोटस टेम्पल दिल्ली की आत्मा और भारतीय मेहमाननवाज़ी का प्रतीक है। केसरिया, गहरा नीला और मैजेंटा जैसे रंग इसकी ऊर्जा और विविधता को दर्शाते हैं।

मास्कॉट वीराज ने जीता दिल


मास्कॉट ‘वीराज’ एक छोटा, चंचल हाथी है जो प्रोस्थेटिक रनिंग ब्लेड के साथ दौड़ने को तैयार है। संस्कृत से लिया गया उसका नाम ‘वीराज’ तेजस्विता और उत्कृष्टता का अर्थ रखता है। उसकी मुस्कान, आत्मविश्वास से भरी आंखें और इवेंट लोगो वाली पोशाक उसे खास बनाती हैं। वीराज उस भावना का प्रतीक है जो हर उस खिलाड़ी में होती है जो रुकने से इनकार करता है, और हर उस बच्चे में जो सपने देखने की हिम्मत करता है।

इस मौके पर PCI के महासचिव जयवंत ने कहा –
“जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में दुनिया की सबसे बड़ी पैरा स्पोर्ट प्रतियोगिता की मेजबानी हमारे लिए बहुत गर्व की बात है। यह सिर्फ भारत की अंतरराष्ट्रीय खेलों में बढ़ती भूमिका को दिखाता है, बल्कि 2036 ओलंपिक की मेजबानी के हमारे इरादे की ओर भी एक मजबूत कदम है।”
“2025 में जब हम दुनियाभर के पैरा एथलीट्स का स्वागत करेंगे, तो हम सिर्फ उनके हौसले और मेहनत का सम्मान नहीं करेंगे, बल्कि यह भी दिखाएँगे कि भारत अब ऐसी बड़ी प्रतियोगिताओं को संभालने में पूरी तरह सक्षम और तैयार है।”

वहीं PCI के निदेशक सत्य बाबू ने कहा –
“हमने वीराज को सिर्फ एक मास्कॉट के रूप में नहीं, बल्कि एक ऐसे प्रतीक के रूप में गढ़ा है जो साहस और उम्मीद को दर्शाए। उसकी कहानी ऐसी होनी चाहिए जो हर पीढ़ी को जोड़ सके, खासकर युवाओं और खिलाड़ियों को प्रेरित कर सके। वीराज इन चैंपियनशिप्स की असली भावना को दर्शाता है — उत्कृष्टता, समावेश और हर चुनौती को पार करने का जज़्बा।”

लोगो और वीराज मिलकर एक ऐसी कहानी कहते हैं जिसमें भारत की संस्कृति, खेलों के ज़रिए बदलाव की ताकत और मानव भावना की असीम क्षमता दिखाई देती है। जैसे-जैसे दिल्ली 2025 के लिए तैयार हो रही है, ये दोनों प्रतीक भारत के खुलेपन, विविधता और खेल के ज़रिए दुनिया को जोड़ने की सोच का प्रतिनिधित्व करते हैं।

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