Gaza में पत्रकारों की मौत पर India ने कहा: घटना ‘चौंकाने वाली और अत्यंत दुखद

India ने Gaza हमले पर जताया शोक, पत्रकारों की सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय मानकों पर जोर

Gaza के नासेर अस्पताल पर हुए इजरायली हवाई हमले में पाँच पत्रकारों समेत कई लोगों की मौत के बाद India ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया और इसे “चौंकाने वाला” तथा “बेहद खेदजनक” करार दिया।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि India हर संघर्ष के समय नागरिकों की सुरक्षा और उनके जीवन की रक्षा के लिए निरंतर आवाज़ उठाता रहा है। उन्होंने आगे कहा, ‘पत्रकारों की हत्या अत्यंत पीड़ादायक और दुखद है।

Gaza हमले की पृष्ठभूमि और पत्रकारों की मौत

Gaza पट्टी में नासेर अस्पताल पर हुए हमले में लगभग 20 लोगों की मौत हुई, जिनमें पाँच पत्रकार और स्वास्थ्यकर्मी शामिल थे। यह हमला कथित तौर पर “डबल-टैप” शैली में हुआ, जिसमें पहले हमले के बाद बचावकर्मियों और मौके पर मौजूद पत्रकारों को निशाना बनाकर दूसरा हमला किया गया।

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मारे गए पत्रकारों में AP (एसोसिएटेड प्रेस) की फ्रीलांसर मरीयम अबू दग्गा, Reuters के फ्रीलांसर मोआज़ अबू ताहा, और Al Jazeera के मोहम्मद सलामा शामिल थे। इस घटना ने वैश्विक मीडिया जगत को झकझोर कर रख दिया है।

India का स्पष्ट रुख: पत्रकारों की सुरक्षा सर्वोपरि

India ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को याद दिलाया कि पत्रकारों की सुरक्षा मानवाधिकार संरक्षण का एक अहम हिस्सा है। विदेश मंत्रालय ने जोर देते हुए कहा कि पत्रकारों को निशाना बनाना न केवल अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन है, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों पर भी गहरा आघात है।

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India ने यह भी कहा कि इजरायली अधिकारियों द्वारा शुरू की गई जांच प्रक्रिया सकारात्मक कदम है, लेकिन इस घटना के दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।

वैश्विक प्रतिक्रिया और मानवाधिकार संगठनों की चिंता

इस हमले पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय पत्रकार संघों ने भी गहरी चिंता व्यक्त की। कई संगठनों ने इसे “युद्ध अपराध” करार देते हुए स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच की मांग की।

मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि पत्रकारों को निशाना बनाना मीडिया की स्वतंत्रता और युद्ध क्षेत्र में रिपोर्टिंग के अधिकार के खिलाफ है।

India ने इस घटना को लेकर अपने रुख को स्पष्ट किया कि नागरिकों और पत्रकारों की सुरक्षा हर परिस्थिति में प्राथमिक होनी चाहिए। सरकार ने कहा कि पत्रकार लोकतंत्र की आवाज़ होते हैं और उनकी जान की रक्षा अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सामूहिक जिम्मेदारी है।

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