डॉ. राजकुमार शर्मा और डॉ. श्रुति ने बीजेपी महासचिव तरुण चुघ से मुलाकात, ‘विकसित भारत’ हेतु अनुसंधान व नवाचार पर चर्चा

प्रधानमंत्री मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत और विश्व गुरु भारत के दृष्टिकोण का समर्थन करने हेतु अनुसंधान, कौशल विकास और शिक्षा-उद्योग सहयोग पर चर्चा।

भारत के अनुसंधान और नवाचार क्षेत्र को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, डॉ. राजकुमार शर्मा, पंजाब अध्यक्ष, पीपल फोरम ऑफ़ इंडिया – नेशनल भारत सेवक समाज, और डॉ. श्रुति, दोनों प्रबंध निदेशक VA-RA वेंचर, जो एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका के मालिक हैं, ने श्री तरुण चुघ, बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव से भेंट की।

भेंट का मुख्य उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण का समर्थन करना था, जो भारत को 2047 तक विकसित भारत बनाने और ज्ञान तथा नवाचार में विश्व गुरु के रूप में स्थापित करने की दिशा में कार्यरत हैं।

बैठक में भारत के अनुसंधान ढांचे को मजबूत करने के लिए सहयोगी कार्यक्रमों पर चर्चा हुई, जो नवाचार, ज्ञान साझा करना और शैक्षणिक उत्कृष्टता को बढ़ावा दें। डॉ. शर्मा ने पीपल फोरम ऑफ़ इंडिया – नेशनल भारत सेवक समाज के कामों पर प्रकाश डाला, जिसमें व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास और सामुदायिक सशक्तिकरण शामिल हैं। उन्होंने कहा कि ये प्रयास आत्मनिर्भर भारत मिशन के लक्ष्य के अनुरूप हैं और भारत को अनुसंधान और तकनीक में वैश्विक नेतृत्व की दिशा में आगे ले जाते हैं।

डॉ. श्रुति ने VA-RA वेंचर की शैक्षणिक और औद्योगिक सहयोग को जोड़ने वाली पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्टार्टअप्स, नई तकनीकों और अंतरविषयक अनुसंधान में निवेश की आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही, डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग कर ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों तक अनुसंधान और नवाचार पहुँचाने पर भी जोर दिया, जो विकसित भारत के समावेशी विकास का अहम हिस्सा है।

श्री तरुण चुघ ने उनके प्रयासों और भारत के अनुसंधान एवं नवाचार लक्ष्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की सराहना की। उन्होंने कहा, “ये प्रयास प्रधानमंत्री मोदी जी के 2047 तक विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए महत्वपूर्ण हैं, जहाँ आत्मनिर्भरता और नवाचार भारत को एक सच्चा विश्व गुरु बनाएंगे।” उन्होंने सरकार, शैक्षणिक संस्थानों और निजी क्षेत्र के बीच सहयोग बढ़ाने का आह्वान किया, ताकि अनुसंधान, कौशल विकास और उद्यमिता के अवसर और बढ़ सकें।

यह बैठक नीतिनिर्माताओं और अनुसंधान विशेषज्ञों के बीच बढ़ती सहयोगात्मक भावना को दर्शाती है। राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन और स्टार्टअप इंडिया जैसी पहलों के माध्यम से ये साझेदारियां युवाओं, शोधकर्ताओं और नवप्रवर्तकों के लिए नए अवसर सृजित करेंगी, जिससे भारत विकसित भारत और विश्व गुरु बनने की दिशा में और मजबूती से आगे बढ़े।

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