बिहार को मिली औद्योगिक उड़ान की नई रफ्तार: IMC गया को पर्यावरणीय मंजूरी, बना राज्य का पहला एकीकृत औद्योगिक टाउनशिप

₹16,000 करोड़ निवेश, 1.10 लाख रोजगार और हरित विकास के वादे के साथ, पूर्वी भारत के औद्योगिक नक्शे पर नया सितारा बनने को तैयार IMC गया
10 मई 2025, पटना
• पर्यावरणीय स्वीकृति – दिनांक 18 मार्च, 2025 को पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEF&CC), भारत सरकार द्वारा पर्यावरणीय मंजूरी प्रदान की गई।
• 1,700 एकड़ में विकसित अत्याधुनिक औद्योगिक नगर – गया, बिहार में मिश्रित भूमि उपयोग वाली स्मार्ट औद्योगिक टाउनशिप, जिसमें उद्योग, वाणिज्य, आवासीय, सार्वजनिक और अर्ध-सार्वजनिक क्षेत्र सम्मिलित हैं।
• संपर्क नेटवर्क से युक्त योजना – राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे और जलमार्ग नेटवर्क से योजनाबद्ध रूप से जुड़ा इंटीग्रेटेड टाउनशिप।
• प्लग-एंड-प्ले ढांचा – पूर्ण सुविधाओं से लैस औद्योगिक भूखंड, आवश्यक उपयोगिताओं और लॉजिस्टिक्स के साथ।
• सतत और समेकित योजना – भूखंड स्तर पर पर्यावरणीय दृष्टिकोण से तैयार की गई योजना, मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के साथ।
• केंद्र और राज्य सरकारों के बीच प्रभावशाली समन्वय – तेजी से क्रियान्वयन और निवेश आकर्षण हेतु साझेदारी।
• निवेश और रोजगार सृजन की अपार संभावना – अनुमानित ₹16,000 करोड़ निवेश और लगभग 1,10,000 प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार।
• स्थानीय रोजगार सुनिश्चित करने की दिशा में काउंटर मैग्नेट सिटी – पलायन को रोकने और क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देने की पहल।
• ईपीसी टेंडर प्रक्रिया में तेजी – पर्यावरणीय मंजूरी से EPC कार्यों को गति।
• 33% हरित क्षेत्र – संतुलित पारिस्थितिकी हेतु बड़े पैमाने पर हरियाली का प्रावधान।
पटना: बिहार सरकार की औद्योगिक नीतियों को नई दिशा देने वाली परियोजना इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (IMC) गया को भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से दिनांक 18 मार्च, 2025 को पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त हुई है। यह मंजूरी अमृतसर–कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (AKIC) के अंतर्गत विकसित हो रहे गया स्थित इस ग्रीनफील्ड औद्योगिक टाउनशिप के लिए एक मील का पत्थर है।
बिहार इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग सिटी गया लिमिटेड (BIMCGL), जो भारत सरकार और राज्य सरकार के बीच गठित एक विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) है, इस परियोजना को कार्यान्वित कर रहा है। यह क्लस्टर पूर्वी भारत को औद्योगिक रूप से सशक्त बनाने, रोजगार सृजन को बढ़ावा देने और सतत शहरी विकास का नया मॉडल बनने की ओर अग्रसर है।
यह पर्यावरणीय मंजूरी ‘इंडस्ट्रियल एरिया’ श्रेणी में सिर्फ सात महीनों के भीतर प्राप्त की गई है। इससे आने वाली औद्योगिक इकाइयों को अलग से जनसुनवाई कराने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे समय और संसाधनों की बचत होगी तथा परियोजना को तेजी से क्रियान्वित किया जा सकेगा।
परियोजना के तहत विकसित की जा रही संपूर्ण आधारभूत संरचना में शामिल हैं:
- कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (CETP)
- सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP)
- वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट (WTP)
- ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली (SWM)
- लॉजिस्टिक्स सुविधाएं
- आंतरिक सड़कें, जल निकासी,
- प्रशासनिक भवन एवं एकीकृत कमांड सेंटर – जिनका निर्माण BIMCGL द्वारा किया जाएगा।
यह औद्योगिक क्लस्टर क्षेत्रवार योजनाबद्ध तरीके से विकसित किया जाएगा, जिसमें 33% भू-भाग को हरित पट्टी के रूप में विकसित किया जाएगा।
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जल संसाधन की दीर्घकालिक उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु हाल ही में एक संयुक्त निरीक्षण दौरा आयोजित किया गया, जिसमें जल भंडारण स्थल और पाइपलाइन मार्ग का अध्ययन किया गया। इसमें राष्ट्रीय औद्योगिक कॉरिडोर विकास निगम (NICDC), BIADA, जल संसाधन विभाग, राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान (NIH) रुड़की, वन विभाग, तथा गया जिला प्रशासन के अधिकारी शामिल हुए।
यह दौरा पूर्व में हुए बाह्य सड़क संपर्क मूल्यांकन के बाद किया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह परियोजना एकीकृत एवं समन्वित विकास मॉडल को अपनाते हुए औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है।
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