आंध्र प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, और ओडिशा में विधानसभाओं का कार्यकाल जून में विभिन्न तारीखों पर समाप्त हो रहा है, जबकि मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को समाप्त हो रहा है।
16 मार्च 2024, नई दिल्ली
भारतीय निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने 2024 के लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया है। इस बार भी सात चरणों में मतदान होगा, और रिजल्ट चार जून को घोषित किया जाएगा। चुनाव आयोग ने साथ ही चार राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने का भी ऐलान किया है।
मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल 16 जून को खत्म हो रहा है और नई लोकसभा का गठन उससे पहले होना है। अंध्र प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और ओडिशा में विधानसभाओं का कार्यकाल भी जून में अलग-अलग तारीखों पर समाप्त हो रहा है।
चुनाव की घोषणा करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि उनकी टीम अब पूरी तरह से तैयार है, और वे भारतीय लोकतंत्र के सबसे बड़े उत्सव के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उनका वादा है कि यह चुनाव विश्व स्तर पर भारत का गौरव बढ़ाएगा।
राजीव कुमार ने बताया कि मतदाता सूची में 85 साल से अधिक उम्र के 82 लाख और 100 साल से अधिक उम्र के 2.18 लाख मतदाता शामिल हैं। देशभर में मतदाता लिंगानुपात 948 है, और 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से अधिक है। देशभर में 85 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं और दिव्यांग व्यक्तियों के लिए घर से मतदान की सुविधा उपलब्ध होगी।
पहले चरण के लिए 19 अप्रैल को चुनाव होगा.
दूसरा दौर के लिए चुनाव 26 अप्रैल को होगा.
तीसरे दौर के लिए चुनाव 7 मई को होगा.
चौथे दौर के लिए चुनाव 13 मई को होगा.
पांचवें दौर के लिए चुनाव 20 मई को होगा.
छठे दौर के लिए चुनाव 25 मई को होगा.
सातवें दौर के लिए चुनाव 1 जून को होंगे
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि चुनाव के दौरान हिंसा की कोई गुंजाइश नहीं है, और हिंसा से जुड़ी कोई भी शिकायत 100 मिनट में दूर होगी। उन्होंने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं, और अपराधियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। वहीं, सरहदों पर ड्रोन से निगरानी होगी। अब तक 3400 करोड़ का कैश पकड़ा गया है, और कुछ राज्यों में धन कुथ में बल का प्रयोग ज्यादा हो रहा है।
पिछली बार 2019 में लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा 10 मार्च को की गई थी और 11 अप्रैल से सात चरणों में मतदान हुआ था। मतगणना 23 मई को हुई थी। पिछले संसदीय चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 303 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस को 52 सीटें मिली थीं। वो लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद हासिल करने के लिए पर्याप्त संख्या बल नहीं जुटा पायी थी।
आगामी संसदीय चुनाव को विपक्षी गठबंधन ‘इंडिय’ (इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस) के लिए ‘करो या मरो’ के मुकाबले के तौर पर देखा जा रहा है।
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