लोगों ने कहना, सरकार चाहे तो दाम कर सकती नियंत्रित
जबलपुर।
चुनाव में महीनेभर से भी कम समय बचा है। प्रचार जोरों पर है। महंगाई बेरोजगारी जैसे मुद्दे पहले से ही प्रभावी हैं। इसी बीच कुछ दिनों से प्याज 60 से 80 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गया है। क्या अचानक बड़े प्याज के दाम लोगों की जेब के साथ चुनाव पर भी असर डालेंगे।
लोगों का कहना है कि प्याज जैसी जरूरी चीज तो सस्ती मिलनी ही चाहिए। चुनाव होने के बावजूद इतने दाम बढ़ना और इस तरफ किसी का ध्यान नहीं होना हैरान करने वाला है। लोग महंगाई जैसे मुद्दों को ध्यान में रखकर ही वोट करेंगे। वहीं इक्का-दुक्का लोग ऐसे भी थे, जिनका कहना था लोग वोट तो अपने हिसाब से ही डालेंगे। जबकि व्यापारियों का अनुमान है कि प्याज के दाम दीपावली और चुनाव के बाद ही कम हो सकते हैं।
लोग बोले- सरकार चाहे तो दाम नहीं बढ़ेंगे
पुराना भोपाल मंडी के इफ्तिखार सहित अन्य लोगों ने कहा, रोज महंगाई बढ़ रही है और लोगों की इनकम नहीं बढ़ी है। ऐसे में प्याज और अन्य खाने के सामान के दाम बढ़ेंगे तो कहीं न कहीं इसका असर चुनाव पर जरूर पढ़ेगा। सरकारें चाहे तो आराम से जरूरी चीजों के दाम बढ़ने से रोक सकती है।
पुराने भोपाल मंडी में सब्जी खरीदने आए एक ग्राहक प्यारेलाल कुशवाहा ने कहा कि सब्जी के दाम बढ़ गए हैं। कम से कम प्याज, आलू के दाम तो कम होने ही चाहिए। अभी इलेक्शन होने वाला है। अगर इलेक्शन के समय: प्याज 70-80 रुपए किलो है, तो क्या पता इलेक्शन के बाद 100 रुपए से भी ज्यादा में मिले।
दलालों को भी देना होता है कमीशन: व्यापारी
माल नहीं आने से रेट बढ़ गया है। समय पर प्याज नहीं आ रही है। करोंद मंडी से माल लाते हैं। वहां बोली का रेट 48 से 55 रुपए प्रति किलो है। उसमे दलाली, ट्रांसपोर्ट वगैरह मिला लें तो ये हमको 60 रुपए के आसपास पड़ रही है।
कामेश्वर (सब्जी विक्रेता बिहन मार्केट)
किसान करोंद मंडी में प्याज बेचता है, वहां 5% तो दलालों को देना पड़ता है। उसके बाद पुराने भोपाल में लगभग 7 प्रतिशत टैक्स में चला जाता है। ट्रांसपोर्ट, प्याज खराब होना मिला लें तो जो प्याज हमें 48 में मिला तो उसका रेट 58 तक पहुंच जाता है। ऐसे में फिर मार्केट में प्याज 70-80 रुपए ही बिकेगी।
मोहम्मद आसिफ (थोक प्याज विक्रेता, पुराना भोपाल मंडी)
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