हिमाचल के हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों ने विश्व भर में बनाई पहचान: राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी

हिमाचल के हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों ने विश्व भर में बनाई पहचान: राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी

नई दिल्ली, 5 जनवरी 2025

हिमाचल प्रदेश के राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी ने वीरवार सायं नई दिल्ली के दिल्ली हाट में हिम महोत्सव का शुभारंभ किया। यह महोत्सव हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा एमएसएमई मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया गया है।

यह आयोजन 1 से 15 जनवरी, 2025 तक चलेगा, जिसमें 60 स्टॉल पर हिमाचली कारीगरों द्वारा तैयार किए गए हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पाद प्रदर्शित किए जा रहे हैं। इस महोत्सव का मुख्य आकर्षण हिमाचली धाम और सांस्कृतिक कार्यक्रम हैं।

इस अवसर पर राजस्व मंत्री ने कहा, “ऐसे महोत्सवों का आयोजन अन्य राज्यों और शहरों में भी किया जाना चाहिए ताकि हिमाचल प्रदेश की समृद्ध संस्कृति और यहां के उत्पादों को प्रोत्साहन मिल सके। हमारे राज्य के हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों ने वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई है।”

उन्होंने बताया कि यह महोत्सव एनसीआर के लोगों को हिमाचल प्रदेश के उत्पादों और लोक संस्कृति से रूबरू कराने का एक बेहतरीन माध्यम है। उन्होंने यह भी कहा कि हिमाचल के लोक संगीत और लोक नृत्य दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं, जिससे स्थानीय कलाकारों और कारीगरों को व्यापक मंच उपलब्ध हो रहा है।

कारीगरों को किया गया सम्मानित

राजस्व मंत्री ने हिमाचल प्रदेश राज्य हथकरघा एवं हस्तशिल्प निगम लिमिटेड द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए, कारीगरों को उनके विशिष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया।

  • पारंपरिक शिल्प संरक्षण पुरस्कार: ओ.पी. मल्होत्रा, रितु धीमान, और पूनम एवं बलवीर (काष्ठशिल्प)।
  • नवाचार हस्तशिल्प पुरस्कार: इंदिरा देवी (कुल्लवी व्हिम्स) और ईशा (पारंपरिक ज्वेलरी)।
  • युवा कारीगर पुरस्कार: वीर सिंह (धातु शिल्प), अजय शर्मा (हस्तशिल्प), और जगदीश (हस्तशिल्प)।
  • कम्यूनिटी इंपैक्ट पुरस्कार: अंशुल मल्होत्रा और राजन मिन्हास।

दिल्ली निवासियों ने की हिमाचली संस्कृति की तारीफ

दिल्ली की निवासी ट्यूलिप ने हिम महोत्सव का अनुभव साझा करते हुए कहा, “हिमाचली हस्तशिल्प और वहां की लोक कला ने मेरा दिल जीत लिया। लेकिन सबसे खास रहा कांगड़ी धाम का स्वाद। यह न केवल लाजवाब था, बल्कि हिमाचली मेहमाननवाजी का भी अहसास कराता है।”

ट्विशा, जो पहली बार हिमाचली व्यंजनों और संस्कृति से रूबरू हुईं, ने कहा, “कांगड़ी धाम और सिडू का अनुभव बिल्कुल अद्भुत था। हिमाचल की परंपराएं और यहां का भोजन इतना समृद्ध और अनोखा है, जिसे हर किसी को एक बार जरूर अनुभव करना चाहिए।”

हिमाचली दंपति ने साझा की अपनी भावना

नोएडा में रह रहे हिमाचली दंपति दीक्षा और सुरंजन सिंह ने कहा, “ऐसे आयोजनों से हमें अपनी जड़ों से जुड़ने का मौका मिलता है। हम यहां आकर न केवल हिमाचली व्यंजनों का स्वाद लेते हैं बल्कि अपनी संस्कृति को फिर से जी पाते हैं। यह हमें गर्व महसूस कराता है कि हमारी परंपराएं और कला इतनी समृद्ध हैं।”

पर्यटन को बढ़ावा देने की अपील

राजस्व मंत्री ने लोगों से हिमाचल प्रदेश का भ्रमण करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “हिमाचल प्रदेश देश का सबसे पसंदीदा पर्यटन स्थल बनकर उभर रहा है। यहां बर्फ से ढके पहाड़, हरे-भरे घास के मैदान, ठंडे रेगिस्तान, झीलें और जल क्रीड़ाओं जैसी अनेक आकर्षण मौजूद हैं।”

हिमाचल की संस्कृति का उत्सव

अतिरिक्त मुख्य सचिव (उद्योग) आर.डी. नजीम ने अपने स्वागत भाषण में बताया कि यह महोत्सव दूसरी बार दिल्ली में आयोजित किया गया है। पिछले वर्ष इसे लोगों का बेहतरीन समर्थन मिला था। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य हिमाचल प्रदेश के शिल्प, व्यंजन और समृद्ध संस्कृति को राष्ट्रीय स्तर पर प्रस्तुत करना है।

इस मौके पर हिमाचल प्रदेश के कलाकारों ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। कार्यक्रम के अंत में हिमाचल प्रदेश राज्य हथकरघा एवं हस्तशिल्प निगम लिमिटेड की प्रबंध निदेशक गंधर्व राठौर ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया।

इस कार्यक्रम में राजस्व मंत्री की धर्मपत्नी सुशीला नेगी, मुख्य निर्वाचन अधिकारी नंदिता गुप्ता, आवासीय आयुक्त मीरा मोहंती, संयुक्त निदेशक (एमएसएमई) आर.के. भारती, और राज्य सरकार के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

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Robert Dans

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