लोकसभा के स्पीकर पद को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में टकराव हो गया है। इस मुद्दे पर शरद पवार ने महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही अपना सुझाव दे दिया था।
लोकसभा के स्पीकर पद के लिए एनडीए और इंडिया गठबंधन आमने-सामने हैं। यह तीसरी बार है जब स्पीकर पद के लिए सर्वसम्मति नहीं बन पाई है और चुनाव से तय होगा कि स्पीकर किसका होगा। इस बीच, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने महत्वपूर्ण बयान दिया है। पवार ने कहा कि सच कहूं तो मैंने इस मुद्दे पर किसी के साथ चर्चा नहीं की है। लेकिन हमेशा की तरह, प्रथा यह है कि सत्ताधारी पार्टी को स्पीकर का पद मिलता है और विपक्ष को डिप्टी स्पीकर का पद। हालांकि, पिछले 10 वर्षों से विपक्ष कमजोर रहा है, इसलिए मोदी सरकार ने इन मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया है।
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शरद पवार का बड़ा बयान
इस बार विपक्ष ने भी ज्यादा सीटें जीती हैं और वह मजबूत स्थिति में है। हालांकि, एनडीए को ज्यादा सीटें मिली हैं, फिर भी उन्होंने विपक्ष को डिप्टी स्पीकर का पद देने से मना कर दिया है। हमारे इंडिया गठबंधन की बातचीत में मैंने सुझाव दिया कि सरकार में बैठे लोगों को अध्यक्ष का पद निर्विरोध दे दीजिए। स्पीकर का पद निर्विरोध हो, इस पर हमारी सहमति है, यह संदेश सरकार को दीजिए। साथ ही मैंने यह भी सुझाव दिया कि डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को मिलना चाहिए। आज शायद इस पर चर्चा हो सकती है, लेकिन अंतिम निर्णय क्या होगा, यह मुझे नहीं पता। जाने के बाद ही मुझे पता चलेगा।
अजीत पवार के लिए बयान
अजीत पवार की पार्टी के कुछ लोग अब घर वापसी करना चाहते हैं। क्या उनके लिए पार्टी के दरवाजे खुले हैं? इस पर शरद पवार ने कहा कि अजीत पवार गुट के ऐसे लोग जिनसे हमारी मदद होगी और जिन्हें वापस लेने से हमारी पार्टी की छवि खराब नहीं होगी, उनके लिए हमारे दरवाजे खुले हैं। जिन्होंने पार्टी को नुकसान पहुंचाया है, उन्हें हम वापस नहीं लेंगे। पार्टी के सदस्यों की राय लेने के बाद, केस टू केस आधार पर, हम निर्णय लेंगे कि किन लोगों को पार्टी में वापस लेना है।
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