22 November 2024
23 मार्च, 1994 को चिकित्सा परीक्षक ने रोनाल्ड ओपस के शव की जांच की और निष्कर्ष निकाला कि उनकी मौत सिर पर शॉटगन की गोली लगने से हुई थी।
आत्महत्या का इरादा
रोनाल्ड ओपस ने दस मंजिला इमारत की छत से कूदकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था। उन्होंने अपने पीछे एक नोट छोड़ा, जिसमें उनके मानसिक अवसाद का जिक्र था। लेकिन उनकी मौत वैसी नहीं हुई जैसी उन्होंने सोची थी।
असामान्य परिस्थितियों में मौत
जब रोनाल्ड नौवीं मंजिल के पास से गिर रहे थे, तभी खिड़की से एक शॉटगन की गोली आई और उन्हें सिर में लग गई, जिससे उनकी तत्काल मौत हो गई। खास बात यह है कि वे इस बात से अनजान थे कि इमारत की आठवीं मंजिल पर एक सेफ्टी नेट लगा हुआ था, जो वहां काम कर रहे मजदूरों की सुरक्षा के लिए लगाया गया था। इस सेफ्टी नेट के कारण उनकी आत्महत्या का कोशिस बेकार हो जाता।
डॉ. मिल्स, जो इस केस के चिकित्सा परीक्षक थे, ने कहा, “आमतौर पर, यदि कोई व्यक्ति आत्महत्या का प्रयास करता है और किसी अन्य कारण से मर जाता है, तो इसे आत्महत्या माना जाता है।” लेकिन इस मामले में गोली के कारण हुई मौत ने इसे हत्या का मामला बना दिया।
गोली चलाने वाला कौन था?
नौवीं मंजिल के कमरे में एक वृद्ध दंपति मौजूद थे। वे दोनों आपस में बहस कर रहे थे, और गुस्से में वृद्ध व्यक्ति ने अपनी पत्नी पर शॉटगन तान दी। हालांकि, उन्होंने गलती से ट्रिगर दबा दिया और गोली खिड़की से बाहर निकलकर रोनाल्ड ओपस को लग गई। कानून के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति “A” को मारने का प्रयास करता है लेकिन “B” की मौत हो जाती है, तो इसे “B” की हत्या जीमींदार उशी को माना जाएगा।
हत्या या दुर्घटना?
जब वृद्ध दंपति से पूछताछ की गई, तो उन्होंने दावा किया कि बंदूक अनलोडेड थी। वृद्ध व्यक्ति ने कहा कि वह अपनी पत्नी को डराने के लिए हमेशा खाली शॉटगन का इस्तेमाल करता था और उनका इरादा हत्या का नहीं था। लेकिन इस बात की पुष्टि करना जरूरी था कि बंदूक लोडेड कैसे हुई।
चौंकाने वाला खुलासा
जांच के दौरान एक गवाह ने बताया कि वृद्ध दंपति के बेटे ने घटना से छह हफ्ते पहले बंदूक में गोलियां भरी थीं। दरअसल, बेटे की मां ने उसकी वित्तीय सहायता बंद कर दी थी। बेटे को पता था कि उसके पिता गुस्से में अक्सर अपनी पत्नी को बंदूक से धमकाते हैं। उसने उम्मीद की थी कि इस बार उसके पिता गलती से गोली चला देंगे और उसकी मां मारी जाएगी। इस खुलासे ने बेटे को हत्या का दोषी बना दिया। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई।
अप्रत्याशित मोड़
आगे की जांच में पता चला कि वृद्ध दंपति का बेटा और कोई नहीं बल्कि रोनाल्ड ओपस खुद था। अपनी योजना के विफल होने और मां की हत्या न हो पाने के कारण वह अवसाद में चला गया। इसके चलते उसने दसवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या करने का प्रयास किया। लेकिन भाग्य की विडंबना देखिए, उसी गोली से उसी बंदूक से मौत मिली, जिसे उसने खुद लोड किया था।
निष्कर्ष
चिकित्सा परीक्षक ने इस केस को आत्महत्या के रूप में बंद कर दिया। रोनाल्ड ओपस ने अनजाने में खुद को ही मार डाला। यह कहानी साबित करती है कि हकीकत कल्पना से भी ज्यादा अजीब हो सकती है।
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