18 सितंबर 2024
दुनिया भर में फिट और सुंदर दिखने की दौड़ में लोग तरह-तरह की एक्सरसाइज, डाइट प्लान और दवाइयों का सहारा ले रहे हैं। पतले शरीर को अक्सर आकर्षण और स्वास्थ्य का प्रतीक माना जाता है, खासकर महिलाओं के बीच। लेकिन एक ऐसा देश भी है जहां इस अवधारणा का उलटा देखने को मिलता है। यहाँ, लड़की जितनी मोटी होती है, उसे उतना ही खूबसूरत माना जाता है।
यहाँ लड़कियों को मोटा करने के लिए विशेष शिविरों में भेजा जाता है, ताकि वे आकर्षक और सुंदर दिख सकें और इस अद्वितीय परंपरा का नाम है ‘लेबलु’, जो पश्चिमी अफ्रीका के मॉरिटानिया में खूब प्रचलित है। यहाँ शादी से पहले लड़कियों को मोटा करने की प्रक्रिया एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक पहलू है। जब एक लड़की की उम्र शादी के लायक होती है, तो उसे मोटा करने के लिए सबसे पहले घर पर ही खास तरह का हाई-कैलोरी भोजन दिया जाता है और अगर उससे वजन में वृद्धि नहीं होती, तो उन्हें ‘फैट कैंप’ में भेजा जाता है, जहाँ वजन बढ़ाने की प्रक्रिया और भी सख्ती से की जाती है।
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मॉरिटानिया में, जैसे ही लड़कियाँ 13 या 14 साल की उम्र पार करती हैं, उनका आहार कैलोरी से भरपूर बनाया जाता है। इसमें दूध, मूंगफली, फैटी मीट और अन्य वसायुक्त खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं, जो शरीर के वजन को तेजी से बढ़ाते हैं। यहां के लोगों का मानना है कि जब तक लड़की के शरीर पर स्ट्रेच मार्क्स और पेट पर चर्बी नहीं दिखती, तब तक वह सुंदर नहीं मानी जाती।
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इस परंपरा के अनुसार, लड़कियों को ऐसा खाना खिलाया जाता है कि उनके चेहरे पर भरापन आ जाए। कभी-कभी इस प्रक्रिया के कारण लड़कियों की सेहत भी प्रभावित होती है। जानकारी के अनुसार, शादी से पहले लड़कियों को दिन में लगभग 16,000 कैलोरी का सेवन कराना जाता है, जो कि WHO द्वारा महिलाओं के लिए सुझाए गए 2,000 कैलोरी से कहीं अधिक है।
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