मध्य प्रदेश | 29 सितंबर 2023
मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने अपनी रणनीतिक चालें शुरू कर दी हैं। कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने भाजपा के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए रणनीतिक रूप से स्थानीय स्तर पर अपने सात सबसे मजबूत नेताओं को तैनात किया है। कांग्रेस द्वारा हाल ही में आयोजित जनाक्रोश यात्रा, जो सभी 230 निर्वाचन क्षेत्रों में 11,400 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करेगी, उनके जमीनी स्तर के प्रयासों का प्रमाण है।
कमलनाथ ने अरुण यादव, सुरेश पचौरी, कांतिलाल भूरिया, गोविंद सिंह, अजय सिंह, कमलेश्वर पटेल और जीतू पटवारी जैसे अनुभवी नेताओं को प्रमुख जिम्मेदारियां सौंपीं। एमपी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव अपने साथ राजनीतिक कौशल की विरासत लेकर आए हैं। कभी कांग्रेस का स्टार चेहरा रहे सुरेश पचौरी मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री रह चुके हैं। उसी सरकार में कैबिनेट स्तर के मंत्री कांतिलाल भूरिया वर्तमान में मध्य प्रदेश कांग्रेस की अभियान समिति के प्रमुख हैं।
एक स्थायी विधायक गोविंद सिंह के कंधों पर अब ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की जिम्मेदारी है। अजय सिंह दिग्गज नेता अर्जुन सिंह की विरासत को आगे बढ़ाते हुए विंध्य क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उभरते ओबीसी नेता कमलेश्वर पटेल को कांग्रेस के भीतर राष्ट्रीय स्तर पर पदोन्नत किया गया है। एक गतिशील और लोकप्रिय नेता जीतू पटवारी पहले ही मालवा क्षेत्र के 25 विधानसभा क्षेत्रों को कवर कर चुके हैं।
कमल नाथ के चतुर नेतृत्व में कांग्रेस का लक्ष्य इन नेताओं को रणनीतिक रूप से तैनात करके और व्यापक जमीनी स्तर की पहल के माध्यम से जनता का समर्थन जुटाकर भाजपा के चुनावी गढ़ को चुनौती देना है। पार्टी का सक्रिय दृष्टिकोण और अनुभवी नेतृत्व मध्य प्रदेश में भाजपा की चुनावी रणनीतियों के लिए एक कठिन चुनौती पेश करेगा।
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