मध्य प्रदेश | 27 सितंबर 2023
परेशान किसान सरकार से लगातार मांग कर रहा है कि फसलों के नष्ट होने का निरिक्षण किया जाए और तुरंत मुआवजा और राहत राशि का वितरण किया जाए। लेकिन अब तक शिवराज सरकार ने फसल के हुए नुकसान का निरिक्षण भी नहीं कराया है, जिसके कारण किसान आंदोलन करने को मजबूर है।
मध्य प्रदेश में सोयाबीन की खेती करने वाले किसान गंभीर कृषि संकट से जूझ रहे हैं। एक महीने पहले तक स्थिति यह थी कि प्रदेश को 50 साल के सबसे बड़े सूखे का सामना करना पड़ रहा था, जिसके कारण सोयाबीन की फसल सूख रही थी। इसके बाद, ईश्वर की कृपा से बारिश हुई, लेकिन उसके तुरंत बाद ही फसलों में कीड़ा लग गया। वर्तमान में स्थिति यह है कि मध्य प्रदेश में 53 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में जो सोयाबीन की फसल लगाई गई है, वह पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है। मध्यप्रदेश कांग्रेस ने बुधवार को प्रेसवार्ता करके भाजपा के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक और कांग्रेस के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने कहा कि परेशान किसान सरकार से लगातार मांग कर रहा है कि फसलों के नष्ट होने का निरिक्षण किया जाए और तुरंत मुआवजा और राहत राशि का वितरण किया जाए। लेकिन अब तक शिवराज सरकार ने फसलों के हुए नुकसान का निरिक्षण भी नहीं कराया है, जिसके कारण किसान आंदोलन करने को मजबूर है।
मध्य प्रदेश के विदिशा, सीहोर, खरगोन, खंडवा, नर्मदापुरम, इंदौर, धार, रतलाम, उज्जैन, हरदा, बैतूल और मंदसौर जिलों में मुख्य रूप से सोयाबीन की खेती करने वाले किसान हैं। इन सभी जिलों के 40 लाख से अधिक किसान सोयाबीन के नष्ट होने से परेशान हैं। कांग्रेस पार्टी शिवराज सिंह चौहान से पूछना चाहती है कि जब भारत ने इतनी वैज्ञानिक तरक्की कर ली है कि हम चंद्रयान भेज कर चंद्रमा तक की सतह की बारीक से तस्वीर ले सकते हैं, तो सरकार ने अपने मध्य प्रदेश में ऐसा कैसा प्रशासनिक ढांचा बनाया है कि लाखों हेक्टेयर में बर्बाद हो गई फसल की सही तस्वीर आप तक नहीं पहुंच रही है और ना ही उसका निरिक्षण हो पा रहा है, और ना ही किसानों को मुआवजा मिल पा रहा है। कांग्रेस पार्टी शिवराज सिंह चौहान से मांग करती है कि जिस तरह कमलनाथ ने अपने कार्यकाल में खुद खेतों का दौरा करके तुरंत मुआवजा देने की पहल की थी, उसी तरह सीएम शिवराज भी किसानों के भविष्य और जीवन को लालच में फंसाने की जगह तुरंत किसानों को मुआवजा देने की पहल करें।
नर्मदा को भी नहीं छोड़ा गया
एक अन्य प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, कांग्रेस के भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि मध्य प्रदेश की सरकार ने सबसे ज्यादा झूठ और मिथ्या प्रचार प्रदेश की जनता से किया है, लेकिन प्रदेश की जीवन रेखा मां नर्मदा से भी खेलने का प्रयास किया है। मां नर्मदा को धोखा दिया गया है। मध्य प्रदेश की आत्मा और प्राण मां नर्मदा में बसे हुए हैं। नर्मदा जी के कारण जीवन है, लहराते हुए खेत हैं, भरपूर अन्न है, भरपूर बिजली है। इसलिए भाजपा ने विधानसभा में नर्मदा जी को जीवंत अधिकार देने का बिल प्रस्तुत किया था, जिसे सर्वसम्मति से 3 मई 2017 को पास किया गया था।
नर्मदा जी को जो वादे इस बिल के माध्यम से किए गए थे। प्रदेश की जनता की नजर में झूठे वादों के लिए मुख्यमंत्री बन चुके और भाजपा ने मां नर्मदा को भी नहीं बख्शा। उन्होंने भी झूठी घोषणाओं के हार में पहन लिया है। नर्मदा सेवा सेना इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से आपके ज्ञान में लाना चाहती है कि वे नर्मदा में भी झूठी कसम उठा चुके हैं। नर्मदा जी के अंदर खड़े होकर पानी में कसम खाने वालों के चेहरे पूरा प्रदेश जानता है।
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