पहले खोए, फिर मिले – जानिए क्या था मंत्री उरांव का रहस्यमय सफर?

मंत्री जुएल उरांव का गोंडवाना एक्सप्रेस से गायब होना और फिर अचानक मिलना , रहस्य के घेरे में उनका पूरा सफर
6 मई 2025, नई दिल्ली
केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुएल उरांव की ट्रेन यात्रा रविवार को उस वक्त रहस्यमय हो गई, जब वह दिल्ली से जबलपुर आते हुए अचानक गोंडवाना एक्सप्रेस से लापता हो गए। मंत्री शनिवार रात दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से रवाना हुए थे, लेकिन रविवार सुबह जब ट्रेन मध्य प्रदेश के दमोह स्टेशन पहुंची तो उनकी बर्थ खाली मिली। इससे प्रशासन और रेलवे महकमे में हड़कंप मच गया। किसी अनहोनी की आशंका में तत्काल आरपीएफ और रेलवे कर्मचारियों ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। करीब तीन घंटे तक चली तलाशी के बाद मंत्री को 162 किलोमीटर दूर सिहोरा स्टेशन पर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के बी3 कोच की बर्थ नंबर 57 पर घायल अवस्था में खोजा गया।
जानकारी के अनुसार, मंत्री जुएल उरांव की तबीयत रात के समय बिगड़ गई थी। बताया गया कि उनका शुगर लेवल गिर गया था, जिससे वे मानसिक रूप से भ्रमित हो गए। इसी दौरान दमोह के पास वे ट्रेन से उतर गए और जब गोंडवाना एक्सप्रेस चलने लगी तो उन्होंने दोबारा उसमें चढ़ने की कोशिश की। लेकिन चढ़ते समय उनका संतुलन बिगड़ा और उन्हें चोटें आ गईं। उसी समय दूसरे प्लेटफॉर्म पर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस खड़ी थी, जिसमें वे गलती से सवार हो गए। बाद में यह ट्रेन जब सिहोरा स्टेशन पहुंची, तब जाकर उन्हें पहचान कर रेलवे अधिकारियों ने प्राथमिक उपचार दिलवाया और जबलपुर भेजा गया।
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रेलवे प्रशासन की त्वरित कार्रवाई के बावजूद यह घटना VIP यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। एक केंद्रीय मंत्री का इस तरह बिना सूचना के लापता होना, फिर दूसरी ट्रेन में घायल अवस्था में पाया जाना, रेलवे की निगरानी और देखभाल प्रणाली में खामी की ओर इशारा करता है। हालांकि रेलवे अधिकारियों का कहना है कि सूचना मिलते ही सर्च ऑपरेशन तेज़ी से शुरू कर दिया गया था और मंत्री को सुरक्षित खोज लिया गया, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम पर मंत्री उरांव की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया अब तक नहीं आई है।
फिलहाल रेलवे ने मामले की जांच शुरू कर दी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि सुरक्षा व्यवस्था में कहां चूक हुई और भविष्य में ऐसी घटनाओं से कैसे बचा जा सके।
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