15 फ़रवरी 2024
ज्ञानवापी परिसर के व्यास तहखाने में पूजा की अनुमति के मामले पर मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपनी याचिका दाखिल की थी, जिसके सम्बंध में अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है। अगले हफ्ते, इस मामले पर अदालत की सुनवाई हो सकती है। इससे पहले, इस मामले की सुनवाई को 15 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। 31 जनवरी को, वाराणसी के जिला जज ने ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा की अनुमति दी थी। इस फैसले के खिलाफ, अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
पिछली सुनवाई के दौरान, अंजुमन इंतेजामिया की ओर से फ़ौजदारी वकील एफएफए नकवी ने विवादित संपत्ति पर वादी (व्यास परिवार) के अधिकारों को लेकर दलील दी, जिसका अदालत ने निर्णय नहीं किया और इस प्रकार से वादी के अधिकारों को निर्धारित किए बिना पूजा की अनुमति देने का आदेश अवैध ठहराया। मुस्लिम पक्ष ने अदालत के आदेशों की प्रमाणित प्रतियां भी दाखिल कीं, जो पूर्व में नहीं दाखिल की गई थीं, और इन प्रतियों को रिकार्ड में दर्ज किया गया। विवादित संपत्ति पर हिंदू पक्ष के कब्जे को दिखाने वाले कुछ दस्तावेज़ हिंदू पक्ष की ओर से पेश किए गए। वाराणसी की अदालत ने 31 जनवरी को अपने आदेश में हिंदू श्रद्धालुओं को ज्ञानवापी परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा अर्चना करने की अनुमति दी थी।
हिंदू पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सीएस वैद्यनाथन ने बहस की। वैद्यनाथन ने तकरीबन 40 मिनट तक दलीलें पेश करते हुए कहा कि ज्ञानवापी के दाहिने हिस्से में तहखाना स्थित है जहां पर हिंदू वर्ष 1993 तक पूजा कर रहे थे उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी के दाहिने हिस्से में तहखाना स्थित है। ऑर्डर 40 रूल 1 सीपीसी के तहत वाराणसी कोर्ट ने डीएम को रिसीवर नियुक्त किया।
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