“जब हमारी बातें नहीं थीं वायरलेस: मोबाइल फोन के इतिहास में एक अद्वितीय अध्याय”
6 मई 2024 , नई दिल्ली
“सोशल मीडिया अब एक ऐसी जगह बन गया है जहां सिर्फ मजेदार मीम्स ही नहीं बल्कि लोग अपने विचार भी साझा करते हैं। यह एक जगह है जहां लोग अपनी रूचि के अनुसार जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से लोग अनेक तथ्यों के बारे में जान सकते हैं। क्योरा इसी प्रकार का एक सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म है, जहां लोग सवाल पूछते हैं और दूसरे उनके जवाब देते हैं। यहां सवाल करने वाले एक सवाल पूछा गया था जो मोबाइल फोन के बारे में था।”
“क्योरा पर एक व्यक्ति ने भारत में पहले मोबाइल फोन आने की जानकारी पूछी। अगर आपसे भी ऐसा सवाल किया जाए, तो आप बड़ी मोबाइल कंपनियों जैसे नोकिया और सैमसंग की ओर इशारा करेंगे। एक समय भारत में नोकिया का बाजार शीर्ष पर था, जिसके कारण लोगों का विश्वास नोकिया पर ही रहता था। हालांकि, यहां पूछे गए सवाल का जवाब आपको हैरान कर सकता है।”
भारत में पहला मोबाइल फोन कंपनी मोटोरोला का था, जिसका नाम DYNTAC 8000X था। यह फोन अमेरिका में 1983 में लॉन्च हुआ था, अर्थात लगभग 40 साल पहले। इसका आकार इतना बड़ा था कि इसे विशालकाय ईंट की तरह देखा जाता था। इस फोन की वजह से भारत में वायरलेस कैटेगरी के फोन का प्रारंभ हुआ।
जिस तरह के फोन आज के जमाने में हमें मिलते हैं, मोटोरोला के इस फोन के चार्ज होने में 10 घंटे लगते थे और फुल चार्ज होने पर भी सिर्फ 30 मिनट की बातचीत की सुविधा थी। इसके अलावा, इसका वजन 790 ग्राम था, जिसकी वजह से लोगों को इसे ले जाने में परेशानी होती थी।
जब मोटोरोला का यह फोन लॉन्च हुआ, तो इसकी कीमत लगभग तीन लाख रुपये थी। यह मतलब है कि उस समय इस फोन की कीमत आईफोन के टॉप मॉडल, अर्थात आईफोन 15 प्रो मैक्स की कीमत से दोगुनी थी। आईफोन 15 प्रो मैक्स की कीमत लगभग 1.5 लाख रुपये है। हालांकि, समय के साथ, और भी फोन आए और उनकी कीमतें कम होती गईं।
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