कृषि को लाभकारी बनाने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्रों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण: डॉ० अंजनी कुमार

कृषि को लाभकारी बनाने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्रों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण: डॉ० अंजनी कुमार

कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन-IV, पटना द्वारा दो दिवसीय कार्यशाला का किया गया आयोजन


पटना, 16th June, 2024 :

कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान , ( भा.कृ.अनु.प. ), जोन-IV, पटना द्वारा दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें बिहार और झारखंड के कृषि विज्ञान केन्द्रों के विषय वस्तु विशेषज्ञों (पौधा संरक्षण) ने भाग लिया।

कृषि विज्ञान केन्द्रों के प्रमुख कार्यों में से एक महत्वपूर्ण कार्य प्रक्षेत्र अनुसंधान परीक्षण हेतु कार्य योजना पर विस्तृत चर्चा की गई, जिससे किसानों की व्यावहारिक कृषि समस्याओं के निदान हेतु कार्य किया जा सके। कृषि विज्ञान केन्द्रों के द्वारा किसानों को भागीदार बनाकर कृषि समस्याओं का निराकरण स्थायी रूप से किया जाएगा, जिससे कृषि की उत्पादकता नियमित बनी रहे और नवीन तकनीक किसानों के लिए लाभकारी सिद्ध हों। इस कार्यशाला मे 37 कृषि विज्ञान केन्द्रों के विषय वस्तु विशेषज्ञों (पौधा संरक्षण) ने भाग लिया तथा अपने-अपने जिले की कार्य योजना पर विस्तृत चर्चा की।

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कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पटना के निदेशक डॉ० अंजनी कुमार ने कहा कि कृषि को लाभकारी बनाने के लिए कृषि विज्ञान केन्द्रों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है और उन्हें वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ अपने जिलों में कार्य करना चाहिए, जिससे किसानों का आत्मविश्वास बढ़े और वह कृषि को व्यवसाय के रूप में ग्रहण कर सकें।

दो दिवसीय कार्ययोजना कार्यशाला मे प्रो. रघुरमन, काशी हिन्दु विश्वविद्यालय, वाराणसी, डॉ० कुलदीप श्रीवास्तव, प्रधान वैज्ञानिक, भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी और डॉ० रंजीत कुमार सहायक प्राध्यापक, डुमराँव ने विशेषज्ञ के रूप में भाग लिया तथा अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिये, जिससे किसानों के हित के लिए महत्वपूर्ण कार्य योजना बनाई जा सके।

कार्य योजना कार्यशाला को सफल बनाने में डॉ० मोनोबुल्लाह, डॉ० अमरेन्द्र कुमार, डॉ० डी०वी० सिंह, डॉ० प्रज्ञा भदौरिया एवं डॉ० तेजस्विनी ने महत्वपूर्ण योगदान किया एवं अटारी, पटना के समस्त अधिकारियों, कर्मचारियों एवं परियोजना कर्मिकों ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की।

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Robert Dans

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