कनाडा में भारतीय व्यवसायियों पर आर्थिक उत्पीड़न और धार्मिक भेदभाव: डॉ. कृष्णन सुतंथिरन ने ट्रूडो सरकार की नीतियों पर साधा निशाना

कनाडा में भारतीय व्यवसायियों पर आर्थिक उत्पीड़न और धार्मिक भेदभाव: डॉ. कृष्णन सुतंथिरन ने ट्रूडो सरकार की नीतियों पर साधा निशाना

कनाडा में भारतीय मूल के हिंदू व्यवसायियों पर आर्थिक और धार्मिक भेदभाव के आरोप

ट्रूडो प्रशासन पर भारतीय समुदाय के खिलाफ ज़ेनोफोबिया फैलाने का गंभीर आरोप

अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से निष्पक्ष जांच की मांग

नई दिल्ली, 20 दिसंबर 2024

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, नई दिल्ली में शनिवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में टीमबेस्ट ग्लोबल कंपनियों के संस्थापक और अध्यक्ष डॉ. कृष्णन सुतंथिरन ने कनाडा में भारतीय व्यवसायियों के साथ हो रहे आर्थिक और धार्मिक भेदभाव पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की सरकार पर भारतीय मूल के लोगों के खिलाफ षड्यंत्रकारी नीतियां अपनाने का आरोप लगाते हुए इसे अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार का उल्लंघन करार दिया।

डॉ. सुतंथिरन ने कहा, “कनाडा में भारतीय हिंदू प्रवासी के खिलाफ बढ़ती ज़ेनोफोबिया की लहर न्याय और गरिमा के सिद्धांतों को ठेस पहुंचा रही है। ये केवल अधिकार नहीं हैं, ये हमारे अस्तित्व के आधारभूत सिद्धांत हैं।”

भारतीय मूल से जुड़े होने पर गर्व व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय प्रवासी पूरे विश्व में शांति, प्रगति और समृद्धि का संदेश दे रहे हैं। उन्होंने अपनी ‘प्राउड इंडियन पार्टी’ के माध्यम से शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को सभी भारतीय नागरिकों के लिए सुलभ और मुफ्त बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई।

डॉ. सुतंथिरन ने अपने लंबे अनुभव और वैश्विक स्वास्थ्य में योगदान का जिक्र करते हुए कैंसर, डायबिटीज़ और हृदय रोगों की प्रारंभिक पहचान और इलाज पर जोर दिया। उन्होंने भारत में भ्रष्टाचार और लालफीताशाही पर चिंता व्यक्त की, लेकिन यह भी कहा कि भारत वैश्विक स्वास्थ्य और विनिर्माण क्षेत्र में नेतृत्व करने की पूरी क्षमता रखता है।

हिंदू व्यवसायियों के आर्थिक उत्पीड़न पर चेतावनी

डॉ. सुतंथिरन ने कहा कि कनाडा में भारतीय मूल के व्यवसायियों के आर्थिक उत्पीड़न का मामला अब वैश्विक चिंता का विषय बन चुका है। उन्होंने प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो से आग्रह किया कि वह इस मुद्दे पर ध्यान दें और भारतीय समुदाय को समावेशिता और समानता का भरोसा दिलाएं।

उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से अपील की कि वे इस भेदभाव और आर्थिक पूर्वाग्रह की निष्पक्ष जांच करें। डॉ. सुतंथिरन ने कहा, “किसी भी प्रकार के अन्याय और पक्षपात के खिलाफ निर्णायक कदम उठाना समय की आवश्यकता है।”

दुनिया को देना चाहते हैं नई दिशा

डॉ. सुतंथिरन ने अपनी विभिन्न परोपकारी पहलों जैसे बेस्ट फूड फाउंडेशन और ट्रिपल ई (शिक्षा, सशक्तिकरण और समानता) का जिक्र किया, जो वैश्विक स्तर पर पिछड़े समुदायों को सशक्त बनाने की दिशा में कार्यरत हैं। उन्होंने सस्ती स्वास्थ्य तकनीकों और नवाचारों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा को हर व्यक्ति तक पहुंचाने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

उन्होंने कहा, “21वीं सदी भारत की सदी है। हमें मिलकर एक ऐसा विश्व बनाना है जहां शांति, प्रगति और साझा समृद्धि के मूल्य सर्वोपरि हों।”

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Robert Dans

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