हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद फिर विवादों में अडानी समूह
गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी पर अमेरिका में रिश्वत और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि अडानी समूह ने भारत में सौर ऊर्जा के ठेके हासिल करने के लिए सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी थी।
इस खबर के बाद अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट दर्ज की गई। गुरुवार को अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस के शेयरों में 20% तक गिरावट आई, जबकि अडानी ग्रीन के शेयर 18% गिर गए। इसके अलावा, अडानी एंटरप्राइजेज, अंबुजा सीमेंट्स, एसीसी, अडानी पोर्ट्स, एनडीटीवी, अडानी पावर, और अडानी टोटल गैस के शेयर भी 10% से ज्यादा गिरावट देखने को मिली ।
यूएस सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (SEC) ने अडानी और उनके भतीजे पर फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेस एक्ट (FCPA) और फेडरल सिक्योरिटीज लॉ के एंटी-फ्रॉड प्रावधानों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। SEC का दावा है कि 2021 में अडानी ग्रीन ने $750 मिलियन जुटाने के लिए एक नोट जारी किया था, जिसमें से $175 मिलियन अमेरिकी निवेशकों से जुटाए गए।
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आरोप है कि इस दौरान निवेशकों को झूठे दावे किए गए कि कंपनी भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त है, जबकि असल में ठेके पाने के लिए रिश्वत का सहारा लिया गया।
गिरफ्तारी वारंट जारी
अमेरिकी अदालत ने गौतम अडानी और उनके भतीजे सागर अडानी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। अभियोजकों ने इस वारंट को अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों को सौंपने की योजना बनाई है। फिलहाल, अडानी समूह ने इन आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
यह पहली बार नहीं है जब अडानी समूह विवादों में है। पिछले साल 24 जनवरी को अमेरिकी निवेश अनुसंधान कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह पर एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसका शीर्षक था, ‘Adani Group: How The World’s 3rd Richest Man Is Pulling The Largest Con In Corporate History’, दो साल की जांच के बाद आई इस रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि अडानी समूह दशकों से ‘स्टॉक में हेरफेर और अकाउंटिंग फ्रॉड’ जैसी गतिविधियों में शामिल रहा है। इस रिपोर्ट ने अडानी समूह की छवि पर गहरा असर डाला था, और समूह को उस समय भी शेयर बाजार में भारी गिरावट का सामना करना पड़ा था।
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